ये बुढ़ापा शरीर के प्रति उदासीनता के पश्चाताप सा
ये बुढ़ापा
अपने आश्रितों के प्रति उपकारों का पुर्नरावलोकन
ये बुढ़ापा
पूर्व आश्रितों से आश्रय की अपेक्षा का ये बुढ़ापा अपनों के निंदक व प्रशंसकों का आभारी
ये बुढ़ापा
इंदियों का भोग से टूटता नाता
ये बुढ़ापा
मल-मूत्र से सना नवजात शिशु सा पूर्व सेवा का प्रतिफल पाता
ये बुढ़ापा
लेटे बुढ़ापे को देखकर सहमता अभी चलता फिरता
ये बुढ़ापा
देख-सुन बोल न पाता और सोच न पाता
ये बुढ़ापा
बिस्तर से अस्पताल होकर श्मशान जाता ये बुढ़ापा

बुढ़ापा जिये जीवन पल पल में संतुष्टि और व्यापार, सब बेकार वसुधैव कुटुम्बकम्

Design By : Author Sarik Khan